कुछ रास्तों में ढूंढने में मंजिल नहीं मिलती है मंजिल को पास बुलाना पड़ता है और जाना पड़ता है मंजिल कभी आती नहीं लाना पड़ता है और आदमी को दिखाना पड़ता है क्या मैं भी सब कुछ मिलेगी बस स्टैंड से
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कुछ रास्तों में ढूंढने में मंजिल नहीं मिलती है मंजिल को पास बुलाना पड़ता है और जाना पड़ता है मंजिल कभी आती नहीं लाना पड़ता है और आदमी को दिखाना पड़ता है क्या मैं भी सब कुछ मिलेगी बस स्टैंड से
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