मंद
रात कब डराए ज़ब रूठा बैठा अंधेरा कहे मुझे बस रंग भूमि अंतिम युद्ध दिल बेवकूफ उमर बाईस खोया संतुलन अचूक बेवकूफ मेँ रूबरू ना जाने ख्वाब क्यू? अतूट चार दिन नींद ज़ब मुसीबत मेँ रब मुझे नहीं जानता fake views येह है shame लोगों की जनता इसके दो प्रकार जिनका आपस मे नहीं जमता एकेला खड़ा यहां मैं शायद अकल से थोड़ा कम था डर कर उम्मीद खोयी job करने को बोला पर लेकिन कही और मेरा शायद मन था दिल टूटा और अकल का रास्ता इस बार बंद था थोड़ा सा मेँ मंद था !
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रात कब डराए ज़ब रूठा बैठा अंधेरा कहे मुझे बस रंग भूमि अंतिम युद्ध दिल बेवकूफ उमर बाईस खोया संतुलन अचूक बेवकूफ मेँ रूबरू ना जाने ख्वाब क्यू? अतूट चार दिन नींद ज़ब मुसीबत मेँ रब मुझे नहीं जानता fake views येह है shame लोगों की जनता इसके दो प्रकार जिनका आपस मे नहीं जमता एकेला खड़ा यहां मैं शायद अकल से थोड़ा कम था डर कर उम्मीद खोयी job करने को बोला पर लेकिन कही और मेरा शायद मन था दिल टूटा और अकल का रास्ता इस बार बंद था थोड़ा सा मेँ मंद था !
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