Rama guru
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16 Nov 2019

1.आखिर उसने कह ही दिया न दो कौड़ी की औकाद तेरी तो सून 1 दो कौड़ी की औकाद मेरी मेहनत करता में दिन रात 2.तेरी लखो की औकाद में वो बात नही जो कौड़ी की औकाद मेरी 3.दो कौड़ी की औकाद मेरी कह के, तूने ओपेन्द्र को पटाया 4 जिसकी कोडी की भी औकाद नही साला बाप के पेसो में करता है राज 5 .ऐब है सारे उसके पास नसे में करता है पूरे दिन बकबास 6.बकचोदी का फार्म ऐसे भारता है जैसे कि खुद ने क्या हो आगरा क ताजमहल का विकास 7.बातो ही बातो में मैय ने मुलाकत नही क्या रातो मे हरदम रहा जज्बातो -4 1.ये गाना डिस गाना नही है जो गिरता है न uahi उठता है साला बकचोदी क फॉर्म भरने बाला बकचोद में ही मर जाता है 1 . देखी थी वो गरीबी जो मजबूरी थी 2.बालो में न कंगी थी सामने खड़ी वो बंदी थी 3 .लाइन लंबी थी क्योंकि नोट बन्दी थी 4.जिसके पास पेसो की बोरि थी उसके हाथो में भी दो कोडी थी 5.जज्बातो की डोरी जब मैने न छोड़ी थी 6 मेने दिया था साथ जिसका वो था बदनाम रिस्ता तो भी दिया मैने साथ उसका आज कहती है तेरी दो कोडी की औकाद अब न करनी तुज से बात। 7.तेरे गने में न फ्लो दीनचक पूजा जैसा तू स्लो है

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4 years ago

1.आखिर उसने कह ही दिया न दो कौड़ी की औकाद तेरी तो सून 1 दो कौड़ी की औकाद मेरी मेहनत करता में दिन रात 2.तेरी लखो की औकाद में वो बात नही जो कौड़ी की औकाद मेरी 3.दो कौड़ी की औकाद मेरी कह के, तूने ओपेन्द्र को पटाया 4 जिसकी कोडी की भी औकाद नही साला बाप के पेसो में करता है राज 5 .ऐब है सारे उसके पास नसे में करता है पूरे दिन बकबास 6.बकचोदी का फार्म ऐसे भारता है जैसे कि खुद ने क्या हो आगरा क ताजमहल का विकास 7.बातो ही बातो में मैय ने मुलाकत नही क्या रातो मे हरदम रहा जज्बातो -4 1.ये गाना डिस गाना नही है जो गिरता है न uahi उठता है साला बकचोदी क फॉर्म भरने बाला बकचोद में ही मर जाता है 1 . देखी थी वो गरीबी जो मजबूरी थी 2.बालो में न कंगी थी सामने खड़ी वो बंदी थी 3 .लाइन लंबी थी क्योंकि नोट बन्दी थी 4.जिसके पास पेसो की बोरि थी उसके हाथो में भी दो कोडी थी 5.जज्बातो की डोरी जब मैने न छोड़ी थी 6 मेने दिया था साथ जिसका वो था बदनाम रिस्ता तो भी दिया मैने साथ उसका आज कहती है तेरी दो कोडी की औकाद अब न करनी तुज से बात। 7.तेरे गने में न फ्लो दीनचक पूजा जैसा तू स्लो है

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