rama guru
1.आखिर उसने कह ही दिया न दो कौड़ी की औकाद तेरी तो सून 1 दो कौड़ी की औकाद मेरी मेहनत करता में दिन रात 2.तेरी लखो की औकाद में वो बात नही जो कौड़ी की औकाद मेरी 3.दो कौड़ी की औकाद मेरी कह के, तूने ओपेन्द्र को पटाया 4 जिसकी कोडी की भी औकाद नही साला बाप के पेसो में करता है राज 5 .ऐब है सारे उसके पास नसे में करता है पूरे दिन बकबास 6.बकचोदी का फार्म ऐसे भारता है जैसे कि खुद ने क्या हो आगरा क ताजमहल का विकास 7.बातो ही बातो में मैय ने मुलाकत नही क्या रातो मे हरदम रहा जज्बातो -4 1.ये गाना डिस गाना नही है जो गिरता है न uahi उठता है साला बकचोदी क फॉर्म भरने बाला बकचोद में ही मर जाता है 1 . देखी थी वो गरीबी जो मजबूरी थी 2.बालो में न कंगी थी सामने खड़ी वो बंदी थी 3 .लाइन लंबी थी क्योंकि नोट बन्दी थी 4.जिसके पास पेसो की बोरि थी उसके हाथो में भी दो कोडी थी
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1.आखिर उसने कह ही दिया न दो कौड़ी की औकाद तेरी तो सून 1 दो कौड़ी की औकाद मेरी मेहनत करता में दिन रात 2.तेरी लखो की औकाद में वो बात नही जो कौड़ी की औकाद मेरी 3.दो कौड़ी की औकाद मेरी कह के, तूने ओपेन्द्र को पटाया 4 जिसकी कोडी की भी औकाद नही साला बाप के पेसो में करता है राज 5 .ऐब है सारे उसके पास नसे में करता है पूरे दिन बकबास 6.बकचोदी का फार्म ऐसे भारता है जैसे कि खुद ने क्या हो आगरा क ताजमहल का विकास 7.बातो ही बातो में मैय ने मुलाकत नही क्या रातो मे हरदम रहा जज्बातो -4 1.ये गाना डिस गाना नही है जो गिरता है न uahi उठता है साला बकचोदी क फॉर्म भरने बाला बकचोद में ही मर जाता है 1 . देखी थी वो गरीबी जो मजबूरी थी 2.बालो में न कंगी थी सामने खड़ी वो बंदी थी 3 .लाइन लंबी थी क्योंकि नोट बन्दी थी 4.जिसके पास पेसो की बोरि थी उसके हाथो में भी दो कोडी थी
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