Sumit Thakur

INEED_18-29

Sumit Thakur
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07 May 2019

आज़ादी भुखमरी से आज़ादी हाँ भेद-भाव से आज़ादी हाँ पछवाद से आज़ादी हम लेके रहेंगे आज़ादी तुम कुछ भी कर लो आज़ादी आज़ादी आज़ादी आज़ादी हो तेरा पिंजरा में जाल नी खाना परिंदे ना उठ जाना तेरा पिंजरा तेरा मूक जाना सारा लाना बाना परिंदा ने उठ जाना तेरा पिंजरा तेरा पिंजरा में जाल नी खाना परिंदे ना उड्ड जाना तेरा पिंजरा तेरा मूक जाना सारा लाना बाना परिंदा ने उठ जाना Freedom Freedom हाँ बहुत बैठे चुप चाप क्या घंटे का इंसाफ़ देश कैसे होगा साफ़ इनकी नीयत में है दाग़ सिर्फ़ करते रहेंगे बात अलग शक्ल वोहि जात वोट मिलने पर ये ख़ास फिर ग़ायब पूरे साल हाँ मेरा भाई है तो नोटों की सरकार है ना नोट से बनते अपने बेटों को ये स्टार हैं ना कितने बेकार क्यूँ ये आपस में झंकार है ना बाक़ी पूरा देश डूबे इनकी नैया पार है ना अच्छी विद्या चाहिए अच्छा ख़ास माल देना नल में पानी चाहिए खड़े रह ले लाइन में ना ज़मीन अपनी पर नोट दिखा कर साइन लेना ड्रग्स लाए ये फिर धकेल देंगे क्राइम में ना अकेला इंसान फिर गाड़ी तेरी चार क्यूँ घर में है चार फिर रुमस फिर तेरे आठ क्यूँ पैसों से नई बनते क़ुदरत से हम ख़ास क्यूँ तेरी पीढ़ी का सोच वो कैसे लेंगे साँस क्यूँ क्या शू एक तरफ़ा तराज़ू क्या शू आ तेरी हँसी मेरे आँसू क्या शू आ घुट घुट के क्यूँ साँस लूँ क्या शू उससे देगा क्या हिसाब तू हो तेरा पिंजरा में जाल नी खाना परिंदे ना उड्ड जाना तेरा पिंजरा तेरा मूक जाना सारा लाना बाना परिंदा ने उड्ड जाना तेरा आ नहीं बनना मुझे Slumdog Millionaire ये Slumdog है मिशन पे सिस्टम के कीड़े छोड़े इनके अपने कफ़न पे बचपन से छुरा रखा है इन्होने अपने गर्दन पे मस्तक में ये लिखते गलत सीखते गलत, छींकते हलक पर किसी को परवाह नहीं ये सैतान हैं इंसान नहीं धरम के नाम पे काम नहीं धरम बनाया इंसान ही पैसों के लिए ये था सभी दिमाग लड़ा कर जान के भी धसने लगा तू कान का भी इस्तेमाल कर तू जबान का भी अनदेखा क्यूँ है जान के भी अनदेखा क्यूँ है जान के भी सच्चाई में तू समां कभी अच्छाई से तू कमा कभी इस गंध को करना साफ़ अभी इस गंध को करना साफ़ अभी इस गंध को करना साफ़ अभी क्या शू एक तरफ़ा तराज़ू क्या शू आ तेरी हँसी मेरे आँसू क्या शू आ घुट घुट के क्यूँ साँस लूँ क्या शू उससे देगा क्या हिसाब तू हाँ हो बोलो आज़ादी बोलो आज़ादी हो बोलो आज़ादी हो बोलो आज़ादी

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5 years ago

आज़ादी भुखमरी से आज़ादी हाँ भेद-भाव से आज़ादी हाँ पछवाद से आज़ादी हम लेके रहेंगे आज़ादी तुम कुछ भी कर लो आज़ादी आज़ादी आज़ादी आज़ादी हो तेरा पिंजरा में जाल नी खाना परिंदे ना उठ जाना तेरा पिंजरा तेरा मूक जाना सारा लाना बाना परिंदा ने उठ जाना तेरा पिंजरा तेरा पिंजरा में जाल नी खाना परिंदे ना उड्ड जाना तेरा पिंजरा तेरा मूक जाना सारा लाना बाना परिंदा ने उठ जाना Freedom Freedom हाँ बहुत बैठे चुप चाप क्या घंटे का इंसाफ़ देश कैसे होगा साफ़ इनकी नीयत में है दाग़ सिर्फ़ करते रहेंगे बात अलग शक्ल वोहि जात वोट मिलने पर ये ख़ास फिर ग़ायब पूरे साल हाँ मेरा भाई है तो नोटों की सरकार है ना नोट से बनते अपने बेटों को ये स्टार हैं ना कितने बेकार क्यूँ ये आपस में झंकार है ना बाक़ी पूरा देश डूबे इनकी नैया पार है ना अच्छी विद्या चाहिए अच्छा ख़ास माल देना नल में पानी चाहिए खड़े रह ले लाइन में ना ज़मीन अपनी पर नोट दिखा कर साइन लेना ड्रग्स लाए ये फिर धकेल देंगे क्राइम में ना अकेला इंसान फिर गाड़ी तेरी चार क्यूँ घर में है चार फिर रुमस फिर तेरे आठ क्यूँ पैसों से नई बनते क़ुदरत से हम ख़ास क्यूँ तेरी पीढ़ी का सोच वो कैसे लेंगे साँस क्यूँ क्या शू एक तरफ़ा तराज़ू क्या शू आ तेरी हँसी मेरे आँसू क्या शू आ घुट घुट के क्यूँ साँस लूँ क्या शू उससे देगा क्या हिसाब तू हो तेरा पिंजरा में जाल नी खाना परिंदे ना उड्ड जाना तेरा पिंजरा तेरा मूक जाना सारा लाना बाना परिंदा ने उड्ड जाना तेरा आ नहीं बनना मुझे Slumdog Millionaire ये Slumdog है मिशन पे सिस्टम के कीड़े छोड़े इनके अपने कफ़न पे बचपन से छुरा रखा है इन्होने अपने गर्दन पे मस्तक में ये लिखते गलत सीखते गलत, छींकते हलक पर किसी को परवाह नहीं ये सैतान हैं इंसान नहीं धरम के नाम पे काम नहीं धरम बनाया इंसान ही पैसों के लिए ये था सभी दिमाग लड़ा कर जान के भी धसने लगा तू कान का भी इस्तेमाल कर तू जबान का भी अनदेखा क्यूँ है जान के भी अनदेखा क्यूँ है जान के भी सच्चाई में तू समां कभी अच्छाई से तू कमा कभी इस गंध को करना साफ़ अभी इस गंध को करना साफ़ अभी इस गंध को करना साफ़ अभी क्या शू एक तरफ़ा तराज़ू क्या शू आ तेरी हँसी मेरे आँसू क्या शू आ घुट घुट के क्यूँ साँस लूँ क्या शू उससे देगा क्या हिसाब तू हाँ हो बोलो आज़ादी बोलो आज़ादी हो बोलो आज़ादी हो बोलो आज़ादी

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