Md Ali

Sher

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18 Apr 2019

जो गुरुर और रुतबा कल था, वो आज भी हैं और आगे भी रहेगा, मेरा Attitude कोई Calendar नही जो हर साल बदल जायेगा..! तू वाकिफ नहीं मेरे जूनून से, नेहला दूंगा तुझे तेरे ही खून से।। कुछ ही देर की खामोशी है, फिर कानों में शोर आएगा! तुम्हारा तो सिर्फ वक्त है…. हमारा तोह दौर आएगा। अपनी औकात में रहना सीख लो, वरना जो हमारी आँख में खटकते है वो शमशान में भटकते हैं। मेरी हिम्मत पर शक मत करना…….क्योकि शेरो के साथ खेलना हमारा खानदानी शौक हैं। शेर अपनी ताकत से राजा कहलाता है, क्योंकी जंगल मे चुनाव नही होते ।। वो हमारी हैसियत पूछते है, उनकी शख्सियत बिक जाए इतनी हैसियत है हमारी। अजीब सा ख़ौफ़ था उस शेर की आँखों में, जिसने जंगल में हमारे जूतों के निशान देखे थे।

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5 years ago

जो गुरुर और रुतबा कल था, वो आज भी हैं और आगे भी रहेगा, मेरा Attitude कोई Calendar नही जो हर साल बदल जायेगा..! तू वाकिफ नहीं मेरे जूनून से, नेहला दूंगा तुझे तेरे ही खून से।। कुछ ही देर की खामोशी है, फिर कानों में शोर आएगा! तुम्हारा तो सिर्फ वक्त है…. हमारा तोह दौर आएगा। अपनी औकात में रहना सीख लो, वरना जो हमारी आँख में खटकते है वो शमशान में भटकते हैं। मेरी हिम्मत पर शक मत करना…….क्योकि शेरो के साथ खेलना हमारा खानदानी शौक हैं। शेर अपनी ताकत से राजा कहलाता है, क्योंकी जंगल मे चुनाव नही होते ।। वो हमारी हैसियत पूछते है, उनकी शख्सियत बिक जाए इतनी हैसियत है हमारी। अजीब सा ख़ौफ़ था उस शेर की आँखों में, जिसने जंगल में हमारे जूतों के निशान देखे थे।

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