Pradeep Parmar

समर्पण का संगीत - कृष्ण के उपदेश

Pradeep Parmar
समर्पण का संगीत - कृष्ण के उपदेश

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4 months ago

यो! कुरुक्षेत्र की भूमि, हाँ वही रणभूमि, जहाँ अर्जुन हुआ परेशान, किस ओर जाए ध्यान। कृष्ण ने दी गीता, जैसे योद्धा का ज्ञान, कर्म की महिमा दिखलाई, जीवन का सही विधान। अर्जुन बोला, "क्या करूं, मेरा मन डगमगाया।" कृष्ण बोले, "सुन पार्थ, कर्म ही है साया। फल की चिंता छोड़, बस कर्म कर प्यारे, जीवन का ये मंत्र, "यथार्थ कर ले निर्णय।" "बातें नहीं काम, धर्म ही है राह, गीता का ज्ञान, जैसे वीर की चाह। सांख्य योग, भक्तियोग, कर्मयोग का धुन, जीवन का राग है, कृष्ण के श्लोक में, अब तू यह सुन। माया के झमेले, मोह के जंजाल, गीता सिखलाए, कैसे जाएं इससे पार। डर से न हार, बिना डर के सबक, कृष्ण की वाणी में है, हर ताल, हर चक्र। जो हुआ, वो लय में, जो हो रहा है राग, जो होगा वो भी सही, कर्म की ये आग। अहम को छोड़, अपना कर्म का राग, गीता के संदेश में, है जीवन का मार्ग। कृष्ण बोले, "हे अर्जुन, कर्म की स्वराज्ञता, जीवन का निर्देश, गीता के संदेश में, है जीवन का प्रेम पेश।

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2 months ago

Keep grinding ✊

4 months ago

यो! कुरुक्षेत्र की भूमि, हाँ वही रणभूमि, जहाँ अर्जुन हुआ परेशान, किस ओर जाए ध्यान। कृष्ण ने दी गीता, जैसे योद्धा का ज्ञान, कर्म की महिमा दिखलाई, जीवन का सही विधान। अर्जुन बोला, "क्या करूं, मेरा मन डगमगाया।" कृष्ण बोले, "सुन पार्थ, कर्म ही है साया। फल की चिंता छोड़, बस कर्म कर प्यारे, जीवन का ये मंत्र, "यथार्थ कर ले निर्णय।" "बातें नहीं काम, धर्म ही है राह, गीता का ज्ञान, जैसे वीर की चाह। सांख्य योग, भक्तियोग, कर्मयोग का धुन, जीवन का राग है, कृष्ण के श्लोक में, अब तू यह सुन। माया के झमेले, मोह के जंजाल, गीता सिखलाए, कैसे जाएं इससे पार। डर से न हार, बिना डर के सबक, कृष्ण की वाणी में है, हर ताल, हर चक्र। जो हुआ, वो लय में, जो हो रहा है राग, जो होगा वो भी सही, कर्म की ये आग। अहम को छोड़, अपना कर्म का राग, गीता के संदेश में, है जीवन का मार्ग। कृष्ण बोले, "हे अर्जुन, कर्म की स्वराज्ञता, जीवन का निर्देश, गीता के संदेश में, है जीवन का प्रेम पेश।

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