chhotu chamiyaa
Prs 14ek kahani चांदी से जो चमकता है रातों में हवाओं में खुशबू रंग तेरी बातों में होता तो हाथ तेरा मेरी यादों में मिलने आई थी मुझसे चुरा में बीती बातों का सिलसिला यह चला रहे बस तू ही मेरी यादों में मिलता रहे दिल की धारा से मिली थी जो हाथ कभी वह भी अब छूट गया बन गई थी। तुझे माना था मैंने अपना दर्पण तेरे हवाले हूं मैं।
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ek kahani चांदी से जो चमकता है रातों में हवाओं में खुशबू रंग तेरी बातों में होता तो हाथ तेरा मेरी यादों में मिलने आई थी मुझसे चुरा में बीती बातों का सिलसिला यह चला रहे बस तू ही मेरी यादों में मिलता रहे दिल की धारा से मिली थी जो हाथ कभी वह भी अब छूट गया बन गई थी। तुझे माना था मैंने अपना दर्पण तेरे हवाले हूं मैं।
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