Vîjãÿ Pãñťhí

सब देखा

Vîjãÿ Pãñťhí
सब देखा

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4 months ago

सीमेंट से निकला गुलाब ऐतिहासिक किताब.. गरीबी में भी पूरे किए खुवाब... नही दिया यहां किसी ने साथ.. बुरे वक्त में जिन्होंने फेर लिया था मुंह.. आज साथ वहीं है क्यू.. क्युकी पूरे किए खुवाब.. मेने दिया अपने बुरे वक्त को जवाब.. जो कहने लगा सच तो सब हुए खिलाफ.. रिश्तेदारों की भी देखी औकात बुरे वक्त में कोई नही आया देने साथ.. पूरे किए अपने खुवाब. गरीबी के वजह से सब दूर जाते देखा... जो के ते हम तेरे उन्हें बदलते देखा... दुश्मनों में सबसे खास यार देखा... प्रेमिका को भी पेसो के लिए बदलते देखा.. मेने बहुत कुछ देखा अपने ही यारो को बदलते देखा.. खुद को हमेसा हताश देखा..

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सीमेंट से निकला गुलाब ऐतिहासिक किताब.. गरीबी में भी पूरे किए खुवाब... नही दिया यहां किसी ने साथ.. बुरे वक्त में जिन्होंने फेर लिया था मुंह.. आज साथ वहीं है क्यू.. क्युकी पूरे किए खुवाब.. मेने दिया अपने बुरे वक्त को जवाब.. जो कहने लगा सच तो सब हुए खिलाफ.. रिश्तेदारों की भी देखी औकात बुरे वक्त में कोई नही आया देने साथ.. पूरे किए अपने खुवाब. गरीबी के वजह से सब दूर जाते देखा... जो के ते हम तेरे उन्हें बदलते देखा... दुश्मनों में सबसे खास यार देखा... प्रेमिका को भी पेसो के लिए बदलते देखा.. मेने बहुत कुछ देखा अपने ही यारो को बदलते देखा.. खुद को हमेसा हताश देखा..

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