Dukh

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27 Jan 2023

मेरे दुख पता है बनोगे तुम मेरी मौत करता हु मै रोज महसूस होने लगा हु थोड़ा खुश यह दुख है जिसका कोई अंत नही मैं वो सब कुछ कर रहा हु जो मैं कर सकता हु मेरे पास कोई तंत्र नही जो करदे इसका अंत सही अपने दुख से बचने के लिए सबकी बातें कर रहा हु काश मैं नही जानता कहा जाते है टूटे लोग क्यों नही होता उन्हे अपने किया का अफसोस काश मेरा दिल पत्थर का होता हा अगर मैं बुलेटप्रूफ होता मेरे दुख का मैं कोई भोज नही धोता हीरे चकना चूर नही होते होते है सुंदर और पस्त जिंदगी हो गई दुख से मेरी लस्ट दुख की हुई सीमा पार करने लगा मुझपे सवाल अलविदा सब है अलग मुझे नही पता क्या सही क्या गलत मैं वही कर रहा हु जो मैं करता हु हर स्टेशन पे अपनो को देखता हूं यह सबकुछ है जो मैने अपने सपने में गड़ा कितनी बार सपने में लोगो से मैं लड़ा यह दुख नही तो क्या है कोई मुझे बता दे कौनसी वजह है दुख मुझसे काफा है मैंने नही किया कभी लफड़ा जिंदगी में क्यों होता है दुख कफा मुझसे कहीं से बटोरने लगा हूं मैं अपनी सारी तकलीफे चूबने लगा हु मै हर किसी को चल अंदर कर चालू अपनी गाड़ी तू न होने दे तू अपनी बर्बादी ऐसी तू फूलो के पंक्रियो के जैसे होती है जिंदगी फूंक मारो तो उड़ जाती है जिंदगी आजा साम होने आयी सूरज ने ली अंगराई किस बात की है लड़ाई तू चल मैं आयी आज चांद ने छुपायी वो तस्वीर मिलती जुलती है पहचान वो तकदीर रूपों से रुप तू है छुपा

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2 years ago

मेरे दुख पता है बनोगे तुम मेरी मौत करता हु मै रोज महसूस होने लगा हु थोड़ा खुश यह दुख है जिसका कोई अंत नही मैं वो सब कुछ कर रहा हु जो मैं कर सकता हु मेरे पास कोई तंत्र नही जो करदे इसका अंत सही अपने दुख से बचने के लिए सबकी बातें कर रहा हु काश मैं नही जानता कहा जाते है टूटे लोग क्यों नही होता उन्हे अपने किया का अफसोस काश मेरा दिल पत्थर का होता हा अगर मैं बुलेटप्रूफ होता मेरे दुख का मैं कोई भोज नही धोता हीरे चकना चूर नही होते होते है सुंदर और पस्त जिंदगी हो गई दुख से मेरी लस्ट दुख की हुई सीमा पार करने लगा मुझपे सवाल अलविदा सब है अलग मुझे नही पता क्या सही क्या गलत मैं वही कर रहा हु जो मैं करता हु हर स्टेशन पे अपनो को देखता हूं यह सबकुछ है जो मैने अपने सपने में गड़ा कितनी बार सपने में लोगो से मैं लड़ा यह दुख नही तो क्या है कोई मुझे बता दे कौनसी वजह है दुख मुझसे काफा है मैंने नही किया कभी लफड़ा जिंदगी में क्यों होता है दुख कफा मुझसे कहीं से बटोरने लगा हूं मैं अपनी सारी तकलीफे चूबने लगा हु मै हर किसी को चल अंदर कर चालू अपनी गाड़ी तू न होने दे तू अपनी बर्बादी ऐसी तू फूलो के पंक्रियो के जैसे होती है जिंदगी फूंक मारो तो उड़ जाती है जिंदगी आजा साम होने आयी सूरज ने ली अंगराई किस बात की है लड़ाई तू चल मैं आयी आज चांद ने छुपायी वो तस्वीर मिलती जुलती है पहचान वो तकदीर रूपों से रुप तू है छुपा

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