udaas rahne laga hun
᥇ꫀᠻiqrꪖखुश हो के भी उदास रहने लगा हूं जो केहता नहीं था वो बात कहने लगा पंछी बन कर आसमान छूने लगा हूं छुपा कर रखा था अपने सारे गम अब सबको बताने लगा बचपन मैं था संत पर जवानी मै चीखने लगा अपनी ज़िन्दगी को जीने लगा गिर कर सम्हल कर उठने लगा सब जनता कोन कोन ह साथ ओर कोन उठाले गा फायदा चेहरा मै पढ़ने लगा तू नहीं है मेरा सगा मा को भी नाज़ मुजपे होने लगा उनका सर पर ह हांथ अब ना रूकुगा जब तक हो जाता कामयाब मेहनत से की ह मेने यारी जिमेदरी मैंने उठा ली तकलीफे सारी हटानी रातों को नीद अब मुझको ना आती एक अजीब सी हलचल जो मुझको जगाती नीद भी अब ना मुझको आती
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खुश हो के भी उदास रहने लगा हूं जो केहता नहीं था वो बात कहने लगा पंछी बन कर आसमान छूने लगा हूं छुपा कर रखा था अपने सारे गम अब सबको बताने लगा बचपन मैं था संत पर जवानी मै चीखने लगा अपनी ज़िन्दगी को जीने लगा गिर कर सम्हल कर उठने लगा सब जनता कोन कोन ह साथ ओर कोन उठाले गा फायदा चेहरा मै पढ़ने लगा तू नहीं है मेरा सगा मा को भी नाज़ मुजपे होने लगा उनका सर पर ह हांथ अब ना रूकुगा जब तक हो जाता कामयाब मेहनत से की ह मेने यारी जिमेदरी मैंने उठा ली तकलीफे सारी हटानी रातों को नीद अब मुझको ना आती एक अजीब सी हलचल जो मुझको जगाती नीद भी अब ना मुझको आती
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