Bhavvesh Joshhi

VIBE (21:36)

Bhavvesh Joshhi
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11 Aug 2022

सब कुछ खत्म होने जैसा एहसास है इस बात की वजह भी शराब है जानते हुए भी मैं रोक नही सकता रोज़ पीकर भी कभी नहीं थकता तक चुके कदम मेरे , लड़खड़ाने लगें है मम्मी पापा माफ करना, लब फिर से बिलबिलाने लगे है हा फिर न पीने का वादा करके पी रहा हु नशे की लत को शौक बता के जी रहा हु किसी चीज़ का गम नही मुझे, फिर ये आदत क्यों है पता नही 4 पेग से 8 हो गए, दारू के नाम पर करता खता नहीं

3 Comments

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8 months ago

kase karteha

8 months ago

hage

2 years ago

सब कुछ खत्म होने जैसा एहसास है इस बात की वजह भी शराब है जानते हुए भी मैं रोक नही सकता रोज़ पीकर भी कभी नहीं थकता तक चुके कदम मेरे , लड़खड़ाने लगें है मम्मी पापा माफ करना, लब फिर से बिलबिलाने लगे है हा फिर न पीने का वादा करके पी रहा हु नशे की लत को शौक बता के जी रहा हु किसी चीज़ का गम नही मुझे, फिर ये आदत क्यों है पता नही 4 पेग से 8 हो गए, दारू के नाम पर करता खता नहीं

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